आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी का कहना है कि अभ्यर्थियों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। पीपीपी से मैच नहीं होने वालों को मौका दिया जाएगा कि वह अपने दस्तावेज आयोग को दिखाएं, इसके बाद उनके परिणाम से प्रोविजनल शब्द हटा दिया जाएगा।
ग्रुप सी पदों के लिए हुई संयुक्त पात्रता परीक्षा के सभी अभ्यर्थियों का आगामी 15 दिन बाद विस्तृत परिणाम जारी किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक अभ्यर्थी को उसका रैंक बताया जाएगा कि वह कुल पास 3.53 लाख अभ्यर्थियों में किस स्थान पर खड़ा है। इसके अलावा, शुक्रवार से हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अपना पोर्टल खोलने जा रहा है। यहां पर वह अभ्यर्थी अपना दावा वापस ले सकेंगे, जिन्होंने गलती से या गलत तरीके से आर्थिक सामाजिक के आधार पर अंक हासिल किए हैं। इसके अलावा, वह अभ्यर्थी आर्थिक सामाजिक आधार पर अपना दावा भी जता सकेंगे, जो पहले दावा नहीं जता पाए थे।
एनटीए की ओर से जारी परिणाम अभी तक केवल संबंधित अभ्यर्थी ही अपने पंजीकरण और जन्मतिथि के आधार पर देख पा रहे हैं। एनटीए ने अभी तक विस्तृत परिणाम हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को नहीं भेजा है। संभावना है कि आगामी 10 दिन में एनटीए विस्तृत परिणाम आयोग को भेज देगी। इसके बाद आयोग आर्थिक सामाजिक आधार के अंकों का दावा करने वाले अभ्यर्थियों के दावे की जांच के बाद विस्तृत परिणाम जारी करेगा। इसमें श्रेणीवार अभ्यर्थियों का उनका रैंक बताया जाएगा। वहीं, अभ्यर्थियों की शिकायतों को देखते हुए आयोग ने दोबारा से पोर्टल खोलने का फैसला लिया है। गौर हो कि आयोग ने साफ कर दिया है कि गलत दावा करने वालों का आवेदन रद्द किया जाएगा।
विधवा, पिता को खो चुके अभ्यर्थियों को मिलेंगे अतिरक्ति अंक
आर्थिक सामाजिक आधार के अंकों को लेकर आयोग ने साफ किया है कि विधवा और पिता को खो चुके अभ्यर्थियों को पहले की तरह से आर्थिक सामाजिक आधार के अंक मिलेंगे। वहीं, जिनके घर में नौकरी नहीं है, उनमें केवल उन्हीं को अतिरिक्त अंक मिलेंगे, जिनकी सालाना आय 1.80 लाख से नीचे है। इससे पहले, हरियाणा सरकार जिनके घरों में सरकारी नौकरी नहीं है, उन सभी को अतिरिक्त अंक देती आई है। इस बार सीईटी में यह बदलाव किया गया है।
65 हजार अभ्यर्थियों को घबराने की जरूरत नहीं
65 हजार से अधिक अभ्यर्थियों का एनटीए ने प्रोविजनल परिणाम जारी किया है। इन अभ्यर्थियों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अभी तक इनका डाटा परिवार पहचान पत्र से मैच नहीं कर पाया है। आयोग का कहना है कि पहले आयोग पीपीपी के माध्यम से इसका डेटा मिलान का प्रयास करेगा, अगर इससे काम चल गया तो ठीक नहीं है तो अभ्यर्थियों को बुलाकर दस्तावेज जांचे जाएंगे।
जांच में दस्तावेज सही पाए जाने पर प्रोविजनल शब्द हट जाएगा। आयोग ने 22 जुलाई 2022 को कट ऑफ डेट माना है। इस बारे में आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी का कहना है कि अभ्यर्थियों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। पीपीपी से मैच नहीं होने वालों को मौका दिया जाएगा कि वह अपने दस्तावेज आयोग को दिखाएं, इसके बाद उनके परिणाम से प्रोविजनल शब्द हटा दिया जाएगा।
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